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  • 2 weeks ago | tv9hindi.com | Hemant Sharma

    अतुलितबलधामं, हेमशैलाभदेहम्…भक्ति की चरम अवस्था का नाम हनुमान है. हनुमान, भक्ति में कुछ भी कर गुजरने की पहचान हैं. भक्ति की यह अवस्था ही वानर में देवत्व की स्थापना करती है. जिसे माना उसमें कोई गुण-दोष न देखने की प्रवृत्ति का नाम हनुमान है. सफल एग्जीक्यूटर. कुशल प्रबंधक. अद्भुत संगठक हनुमान हैं. अपने स्वामी के प्रति यह समर्पण ही वानराणामधीश: को तिहुलोक उजागर बनाता है.हनुमान वायुपुत्र हैं. रुद्रावतार हैं. आठ सिद्धि और नौ निधि के ज्ञाता हैं. ब्रह्मचारी हैं. मंगलदाता हैं. महावीर, विक्रम, बजरंगी हैं.

  • 1 month ago | tv9hindi.com | Hemant Sharma

    होली है.आज जुम्मा हैअमीर खुसरोअबुल हसन यमीन उद-दीन खुसरो (1253 – 1325 ई.) यानी अमीर खुसरो हिन्दी के पहले कवि थे. वे हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के आध्यात्मिक शिष्य थे. मुख्य रूप से उनकी कविताएं फ़ारसी में हैं पर वे हिन्दवी के जनक हैं. उन्होंने कुछ पंजाबी गीत भी लिखे हैं. अमीर खुसरो जिस दिन हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के मुरीद बने थे, उस दिन होली थी. मतवाली हवा में अबीर-गुलाल की रंगीन महक थी.

  • 1 month ago | medium.com | Hemant Sharma

    Hemant Sharma·Follow2 min read·--Remember the web back in the day? We had server-side rendering (SSR) ruling the roost! PHP, Ruby, EJS… they were the OG content generators. The server did all the heavy lifting, spitting out HTML for the browser to display. Simple, right? Well, except for those full-page reloads on every click. Then, BAM! Client-side rendering (CSR) burst onto the scene! Promises of snappy interactions and dynamic content danced in our heads.

  • 1 month ago | tv9hindi.com | Hemant Sharma

    रमज़ान शुरू हो गया है. मुस्लिम समाज रोज़े से है. सहरी और इफ़्तार के दौर चल रहे हैं. तरावीह पढ़ी जा रही है. शुद्धता पर ध्यान है. बाज़ारों में रौनक़ है. इन सारी तैयारियों के दौरान एक नियम और अनुशासन बना हुआ है. व्रत है. व्रत के नियम हैं. व्रत का तरीक़ा है. और तरीक़े का पालन करने की कोशिश में लगे लोग हैं. रमज़ान दरअसल आत्म नियंत्रण, दूसरों की मदद और आत्मशुद्धि का महीना है. परहित की बात भारतीय वांग्मय भी करता है. इस दफ़ा तो जिस रोज़ रमज़ान ख़त्म हो रहा है, उसी दिन से नवरात्र भी शुरू हो रहा है.

  • 2 months ago | tv9hindi.com | Hemant Sharma

    आज शिवरात्रि है. शिव के विवाह की सालगिरह. जो आदि हैं अनंत हैं, उनके वरण की वार्षिकी. शिव के सिद्ध और संयोग का अद्भुत दिन. इस दिन शिव एकलता से निकल अंगीकरण को चुनते हैं. पाणिग्रहण करते हैं. लोक मंगल के लिए और देव, दानव, मनुष्य, जीव सबको धन्य करते हैं. शिव का विवाह दरअसल सृष्टि का सबसे सुखद और अलौकिक क्षण है. यह विवाह तप, ज्ञान, योग और ध्यान की महान अवस्थाओं का सांसारिक अवतरण है. ये विवाह आध्यात्म और ज्ञान की परम अवस्थाओं को कर्म और व्यवहार की वेणी तक लाता है.

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