
Rajan Chaudhary
Journalist at Freelance
Assistant Editor at The Mooknayak
Assi. Editor @The_Mooknayak @TheMooknayakEng / FB: https://t.co/9p0CfSLYIN / Email: [email protected]
Articles
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1 week ago |
themooknayak.com | Rajan Chaudhary
हैदराबाद: भारत रत्न डॉ.
जस्टिस बी. आर. गवई ने बाबा साहब को ऐसे किया याद, बोले- 'अंबेडकर एक मजबूत और एकजुट भारत के पक्षधर थे'
1 week ago |
themooknayak.com | Rajan Chaudhary
नई दिल्ली— सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बी. आर. गवई ने सोमवार को पहले अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ.
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2 weeks ago |
themooknayak.com | Rajan Chaudhary
सक्ति (छत्तीसगढ़): सक्ति जिले में एक 21 वर्षीय दलित युवक को कथित तौर पर एक किशोरी के परिवार वालों ने निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा। मारपीट के दौरान युवक पानी के लिए तड़पता रहा, पीड़ित युवक लोगों से पानी मांगता रहा लेकिन किसी ने उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया। घटना नौ अप्रैल की बताई जा रही है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ित की पहचान राहुल अंचल के रूप में हुई है, जो डभरा का निवासी है और अनुसूचित जाति सतनामी समुदाय से ताल्लुक...
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2 weeks ago |
themooknayak.com | Rajan Chaudhary
महात्मा ज्योतिराव फुले द्वारा मूल रूप से मराठी में लिखी गई प्रसिद्द किताब “गुलामगिरी” में फुले जिस काल्पनिक पात्र से बात करते हुए तत्कालीन भारत में व्याप्त छुआछूत, अन्धविश्वास और आडम्बरों पर प्रहार किया है वह बेहद दिलचस्प है. फुले ने इस किताब में एक काल्पनिक पत्र — धोंडीराव — के ऐसे सवालों के जवाब, जिनपर आज भी लोगों में बोलने-कहने में हिचकिचाहट होती है, उसपर बेहद तार्किक जवाब दिया है. महात्मा फुले पूरी किताब में अपने काल्पनिक पत्र धोंडीराव के सवालों का जवाब देते हैं.
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3 weeks ago |
themooknayak.com | Rajan Chaudhary
दक्षिण भारत के प्रसिद्द समाज सुधारक व दलित चिन्तक पेरियार ई.वी. रामासामी का मानना था कि 15 अगस्त 1947 को मिली आज़ादी ने दलित, शोषित व वंचित समाज को मिलने वाले आरक्षण को ख़त्म कर दिया. इससे वह काफी नाराज भी थे. बीते कई सालों में बेस्टसेलर्स रही पेरियार की किताब — जाति-व्यवस्था और पितृसत्ता, के अनुसार, सन 1935 में पेरियार ने तत्कालीन सरकार से अपील की कि वह राज्य सरकार की संस्थाओं की तरह मद्रास प्रेसिडेंसी में स्थित केन्द्र सरकार की सभी संस्थाओं में आरक्षण की व्यवस्था लागू करें. पोप, जी.यू.
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बिलबिलाने से क्या होगा शुभम सुकुल? आपके पूर्वजों ने पूरे एक समाज के करोड़ों लोगों को अछूत घोषित कर सालों तक उनका जीवन नरक बनाए रखा। जिसका असर आज भी हम आधुनिक भारत में देखते हैं। मंदिर में प्रवेश नहीं, मुछ रखने पर हत्या, बारात में घोड़ी पर बैठने पर हिंसा, मटके से पानी पीने पर

एक मासूम बच्चे को जनेऊ पहनाकर, शिखा रखकर और तिलक लगवाकर विलेन के रूप में दिखा दिया? कश्मीर में जिस तरह से कश्मीरी पंडितों के खिलाफ नफरत फैलाई गई थी। PHULE फ़िल्म में भी नफरत फैलाने का प्रयास किया गया। PHULE फिल्म पूरी तरह से जातीय नफ़रत को बढ़ावा देने वाली है। यह एक प्रोपोगेंडा https://t.co/Eb0mgQcINU

RT @rahulmishrav: The @Mirzapurlibrary was featured in @dailynews_2024 news—thank you for covering it! https://t.co/GPucT3Mry1

अभी Indian Express की खबर पढ़ा. अधिकारियों का कहना है कि पत्रकार ने मंदिर के पुजारी को नाबालिग का यौन उत्पीड़न करते हुए देखा था। दुखद घटना में गौर कीजिये, पत्रकार को बचाने न ईश्वर आया न खम्भा चीर कर नरसिंह भगवान प्रकट हुए उस पंडित का चीरफाड़ करने के लिए. जबकि इस मामले में पत्रकार https://t.co/McH9Y8WX8O