
Swarn Kanta
Articles
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2 months ago |
ruralindiaonline.org | Umesh Kumar Ray |Swarn Kanta
बिहार के वैशाली जिला मेंदलित समुदाय से आवे वाली एगो बूढ़ मेहरारू के बजट अमीर लोगन के खेला बुझाला. ऊसरकार से बस एतने चाहीं कि कुछ रोजगार मिल जाव अंजना देवी के लागेला बजटमरद लोग के चीज ह. “मरद लोग ही जानता है ये सब, लेकिन वो तो नहीं हैं घरपर (खाली मरदे लोग ई सब बूझेला, बाकिर ऊ त घरे नइखन,)” ऊ कहली. अइसे घर के खरचा-पानी, हिसाब-किताब उहेदेखेली. अंजना चमार, अनुसूचित जाति से, बाड़ी. “बज्जट!” ऊ अइसे कहली जइसे इयाद करे के कोसिस करत होखस कि नयका एलान के बारे में कुछसुनले बाड़ी कि ना.
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Jan 16, 2025 |
ruralindiaonline.org | Sarbajaya Bhattacharya |Binaifer Bharucha |Swarn Kanta
तेजलीबाई ढेड़िया आपन पुरान बीयाके धीरे-धीरे हासिल कर रहल बाड़ी. मोटा-मोटी 15 बरिस पहिले, मध्य प्रदेस केअलीराजपुर आ देवास जिला में खेती कर रहल तेजलीबाई जइसन भील आदिवासी लोग देसी बीयासे जैविक खेती करे के पुरान परंपरा त्याग के हाइब्रिड बीया आ रसायनिक खादवाला खेती करे लागल. अइसन चलन सुरु होखे से पुरान, देसी बीया सब बिलात चलगइल.
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Jan 10, 2025 |
ruralindiaonline.org | Shalini Singh |Swarn Kanta
मोटा-मोटी तीसबरिस के गनेस पंडित नयका दिल्ली के पुरनका यमुना पुल, जेकरा लोहा पुल भी कहल जाला,पर रहे वाला सबले कम उमिर के बाशिंदा हो सकेलन. ऊ कहेलन कि उनकर समुदाय के जवानलइका लोग स्विमिंग कोच (पंवड़े / तैरे सिखावे वालामास्टर) आ पड़ोस के चांदनी चौक में खुदरा दोकान में काम करे जइसन सधारण नौकरी कइल पसन करता. दिल्ली से होकेजाए वाला यमुना नदी, गंगा के सबले लमहर सहायक नदी बा. ई घाघरा के बाद दोसर सबलेबड़ नदी मानल जाला.
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Jan 3, 2025 |
ruralindiaonline.org | Umesh Kumar Ray |Swarn Kanta
कोबरा(सांप) सागवान के बरियार डाढ़ पर कुंडली मरले बइठल बा. रत्ती टोला के लोग के लाखकोसिस कइला के बादो ऊ तनिको हिलत-डुलत नइखे. गांवके लोग हार के पांच घंटा बाद मुंद्रिका यादव के बोलावत बा. ऊ बगले में पड़े वालावाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गार्ड रह चुकल बाड़न. मुंद्रिका अबले बाघ, तेंदुआ, गैंडाआ सांप सहित 200 से बेसी जंगली जनावर सब के जिनगी बचा चुकल बाड़न. मुंद्रिकापहुंचते सबले पहिले कोबरा के उतारे के कोसिस कइलन, आ ऊ उतरियो गइल. “ओकरा मुंह मेंबांस के छड़ी डाल देनी आउर रस्सी से कस के बान्ह देनी.
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Dec 28, 2024 |
ruralindiaonline.org | Muzamil Bhat |Swarn Kanta
“पहिल बेर हांगुल देखनी, त हमार होस उड़ गइल,” शब्बीर हुसैन भट इयाद करत बाड़न. एह कश्मीरी हिरण (सर्वसएलाफस हांगलू) के एक झलक पावे खातिर ऊ बेर-बेर पार्क आवे लगलन. हांगुल मूल रूप सेकश्मीर के हवे आउर गंभीर रूप सेलुप्तप्राय प्रजाति मानल जाला. शब्बीर कहेलन कि मोटा-मोटी 20 बरिसबादो 141 वर्ग किमी में पसरल एह पार्क में जानवरन, चिरई, झाड़ आउर फूल के प्रतिउनकर मोह कम नइखे भइल. “हम दावा से कह सकिला कि हंगुले रहे जे हमार दिल में जुनून जगलवलस.
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